IPO Kya Hota Hai | ipo in hindi | ipo meaning in hindi | what is ipo in hindi | what is ipo in share market in hindi |
Share Market एक ऐसा Plateform है IPO Kya Hota Hai ?जहाँ यदि आपको इसके बारे में थोडा Knowledge है तो आप पैसे invest करके अच्छे पैसे बना सकते है ! यदि आप बिना किसी जानकरी के Share Market में invest करते है तो ऐसे में आप अपने पैसो को गँवा भी सकते है इसलिए इसमें सोच – समझकर और पूरी जानकारी के साथ ही invest करना चाहिए ! Share Market में जो लोग नए होते है अक्सर उन्हें पता नहीं होता है कि वे अपने invest की शुरुआत कैसे करे ? उनके लिए शुरू में IPO में Invest करना एक बेहतरीन तरीका हो सकता है !
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IPO Kya Hota Hai? What is IPO in Hindi
IPO Full Form –Initial Public Offering (IPO), जब एक कंपनी अपने समान्य Stock या share को पहली बार जनता के लिए जारी करता है तो उसे IPO , इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (सार्वजनिक प्रस्ताव) कहते हैं। लिमिटेड कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सके।
आईपीओ में कैसे निवेश करें? ( IPO Me Invest Kaise Kare )
IPO Kya Hota Hai ?IPO Kya Hai जब कोई कंपनी अपने IPO बाजार में लाती है तो वह 3 से 10 दिन के लिए इसे निवेशको के लिए ओपन करती है ! यानी की आप इस अवधि में ही IPO को खरीद सकते है !
किसी कंपनी के IPO में invest करने के लिए सबसे पहले आपके पास एक demat account होना बहुत ही जरुरी है ! बिना डीमैट खाते के आप कोई IPO या shares नहीं खरीद सकते है ! यदि आप ख़रीदे गए आईपीओ को बेचना चाहते है तो आपके पास डीमैट खाते के साथ – साथ ट्रेडिंग अकाउंट भी होना चाहिए तभी आप ऐसा कर सकते है ! आपको डीमैट और ट्रेडिंग खाता किसी विश्वसनीय Stock Broker के साथ ही खोलना चाहिए !
आप चाहे तो ipo in hindi स्वयं से या फिर किसी लिस्टेड ब्रोकर के माध्यम से भी IPO में invest कर सकते है ! IPO को आप ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन भी खरीद सकते है !
IPO Allotment Process
IPO खुलने और बंद होने के बाद कंपनी निवेशकों को IPO आवंटित करती है। ipo allotment में यह जरूरी नहीं है कि आप जितने शेयर खरीदेंगे, अलॉटमेंट कम हो सकता है। एक बार जब कंपनी अपने शेयरों का आवंटन कर देती है, तो उसके शेयर Stock Exchange में सूचीबद्ध हो जाते हैं। Stock Exchange में सूचीबद्ध होने के बाद निवेशक अपने खरीदे गए शेयरों को खरीद और बेच सकता है, यह एक द्वितीयक प्रक्रिया है।
IPO खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखे
कंपनी का फाइनेंशियल
सबसे महत्वपूर्ण कारक कंपनी का वित्तीय स्वास्थ्य है। पैसा invest करने से पहले निवेशकों को यह देखना चाहिए कि कंपनी मुनाफा कमा रही है या नहीं। पिछले कुछ वर्षों में कंपनी की राजस्व वृद्धि और मार्जिन कैसा रहा है? कंपनी की बैलेंस शीट और कैश फ्लो कैसा है?
वैल्युएशन
IPO में invest करने से पहले वैल्यूएशन की जांच जरूर कर लें। वैल्यूएशन देखने के लिए उस क्षेत्र की अन्य कंपनियों से तुलना करें।
कंपनी के प्रमोटर्स
प्रमोटरों की पृष्ठभूमि को देखना बहुत जरूरी है। देखें कि लिस्टिंग के बाद प्रमोटरों की कितनी हिस्सेदारी होगी। किसी भी कंपनी के लिए प्रमोटर और मैनेजमेंट टीम बहुत महत्वपूर्ण होती है। अगर उन्हें कंपनी पर भरोसा है, तो यह एक अच्छा संकेत है।
Risk का Valuation करें
आईपीओ में invest करने से पहले कंपनी से जुड़े जोखिमों और चुनौतियों पर एक नजर डालें। कंपनी की देनदारियां और कर्ज की स्थिति भी देखें। यह भविष्य के विकास को प्रभावित कर सकता है
फंड का इस्तेमाल कहां- कहां होगा
यह देखें कि कंपनी आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कहां करेगी. क्या कंपनी अपना कर्ज चुकाने के लिए पैसा जुटा रही है या फंड का इस्तेमाल क्षमता विस्तार के लिए करेगी
आईपीओ के फायदे (Advantages of IPO )
- IPO के जारी करने से कंपनी आम जनता से फण्ड जुटाती है {IPO Kya Hota Hai}जिससे वह अपने बिज़नेस का विस्तार कर सकती है !
- IPO से कम्पनी के पास पैसा इकठ्ठा हो जाता है जिससे वो अपना कर्ज भी चूका सकती है जिस पर उसे बैंक की तरह कोई ब्याज नहीं देना होता है और उस राशी को वापस भी नहीं लौटना होता है !
- जब को कंपनी अपने किसी नए प्रोडक्ट या सर्विस को लॉन्च करती है तो उसका प्रचार -प्रसार तथा प्रमोशन IPO के माध्यम से अपने आप हो जाता है !
- IPO में invest करने से निवेशको को सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि उसे उस कंपनी की हिस्सेदारी मिल जाती है अर्थार्त वह उस कंपनी का अपने ख़रीदे गए शेयर अनुपात में उसका मालिक बन जाता है !
- IPO का मूल्य शुरुआत में अधिक बढ़ने के चांसेस रहते है जिससे निवेशको को अच्छा – खासा मुनाफा हो सकता है !
- इसके अलावा निवेशक IPO के माध्यम से अपने मनपसंद की कंपनी का हिस्सेदार भी बन सकता है !
आईपीओ कितने प्रकार के होते हैं?
बुक बिल्डिंग IPO के प्राईस बैंड में दो तरह के होते हैं… प्राईस बैंड में अगर IPO का प्राईस कम है तो फ्लोर प्राईस (FLOOR PRICE) कहते हैं. अगर IPO का प्राईस ज्यादा है तो इसे कैप प्राईस (CAP PRICE) कहते हैं.
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IPO कैसे काम करता है?
आमतोर पर जब कोई भी कंपनी पहली बार अपने Share पब्लिक {Public} को Offer करती है IPO Kya Hota Hai तो इसे IPO कहते हैं. इस प्रक्रिया में कंपनियां अपने शेयर आम लोगो को ऑफर करती है और यह प्राइमरी मार्केट के अंतर्गत होता है. … मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते है तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं.
IPO Kab Bech Sakte Hai
जब तक IPO या इश्यू खुला रहता है तब तक निवेशक IPO के प्राइस बैंड के भीतर अपनी पसंद की कीमत पर शेयर के लिए बोली लगा सकते हैं या बिड कर सकते हैं, तब तक इसे प्राइमरी मार्केट कहते हैं। लेकिन जैसे ही शेयर एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाता है कोई भी उस शेयर को खरीद बेच सकता है, इसे सेकेंडरी मार्केट कहते हैं।
शेयर मार्केट में IPO क्या है?What is IPO in Share Market in Hindi
IPO का इश्यू प्राइस कंपनी तय करती है. आम निवेशक किसी कंपनी का IPO आने पर सीधे उनके SHARE खरीद सकते हैं और शेयरहोल्डर बन सकते हैं. कुल मिलाकर कंपनियां MARKET से पूंजी जुटाने के लिए IPO लाती हैं.
IPO मतलब क्या होता है?
जब इन कंपनियों को पूंजी की जरूरत होती है तो ये खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराती हैं और इसका सबसे कारगर तरीका है IPO यानी Initial Public Offer जारी करना. शेयर मार्केट में लिस्ट होने के लिए प्राइवेट कंपनी जो IPO लाती है, असल में वो बड़ी संख्या में आम लोगों, निवेशकों और अन्य को कंपनी के शेयर अलॉट करती है.
IPO कैसे खरीदें?
आईपीओ कैसे खरीदें?
(IPO Kaise Kharide) एक निवेशक के लिए प्राथमिक कदम ये है IPO Kya Hota Hai? की उस कंपनी का IPO तय करना होगा जिसके लिए आप आवेदन करना चाहते है। …
जब एक निवेशक ने IPO के संबंध में निर्णय लेता है, तो अगला कदम है पैसे की व्यवस्था करना। …
उसके बाद का कदम है एक Demat खाता खोलना।
आईपीओ फुल फॉर्म
Initial public offering
IPO कितने प्रकार के होते हैं?
IPO दो प्रकार के होते है
1. Fix Price IPO
2. Book Building IPO
IPO Full Form in Hindi
“इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग”
lic ipo kya hota hai
Goverment ने LIC IPO का ऐलान करते time ही कहा था कि इश्यू साइज से 10% share पॉलिसीहोल्डर्स के लिए secure रखे जाएंगे, जिस तरह कर्मचारियों के लिए company के IPO में शेयर सुरक्षित रखे जाते हैं. हालांकि, यह कम्पीटिटिव बेसिस पर होगा. मतलब पॉलिसीहोल्डर को आम निवेशकों के मुकाबले सस्ता शेयर मिलेगा.
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