Portfolio kya hai और portfolio meaning in hindi – हेलो दोस्तों technozworld में आपका स्वागत है | दोस्तों आपने कई बार पोर्टफोलियो शब्द के बारे में जरूर सुना होगा वित्त में या फिर फोटोग्राफी में किन्तु हम आज वित्त में पोर्टफोलियो की बात करने जा रहे है|
टीवी ,समाचार पत्र आदि के जरिये हमने कई बार पोर्टफोलियो शब्द सुनने को मिलता है आखिर क्या होता है पोर्टफोलियो ? (Portfolio kya hai) क्या एक इन्वेस्टर को पोर्टफोलियो बनाना चाहिए ? इसके क्या फायदे है तो दोस्तों आज का हमारा topic है पोर्टफोलियो क्या होता है ,इसके क्या फायदे है और एक अच्छे पोर्टफोलियो की सरचना कैसे कर सकते है | आइये विस्तार में जानते है
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Portfolio kya hai (What is portfolio in hindi)
Portfolio से हमारा आशय (Portfolio kya hai)खरीदी गई अनेकों प्रकार की यूनिटों, शेयरों एवं प्रतिभूतियों के समूह से है | कहने का आशय यह है की विभिन्न प्रकार की क्रय की गई यूनिटों, शेयरों या प्रतिभूतियों के समूह को पोर्टफोलियो कहा जाता है ।
आपका Portfolio कैसा होना चाहिए ?
एक इन्वेस्टर का Portfolio या उसके Portfolio में जो इन्वेस्टमेंट है वह उसकी पूरी तरह से Risk लेने की शक्ति पर निर्भर करता है आइये जानते है कैसे –
अगर इन्वेस्टर कम आयु वाला है तो उसकी Risk लेने की शक्ति अधिक आयु वाले इन्वेस्टर से अधिक होती है इसलिए उसके पोर्टफोलियो में small cap और mid cap फण्ड की संख्या large cap फण्ड से अधिक हो सकती है और उसके पोर्टफोलियो में जो निवेश होता है वह ज्यादा आक्रमक होता है
बकि ज्यादा आयु वाले इन्वेस्टर का निवेश आक्रमक की बजाए ज्यादा रक्षात्मक होता है इसीलिए उसके निवेश में large cap fund की संख्या अधिक होती है |
इसलिए एक इन्वेस्टर के Portfolio की संरचना का आधार उसके Risk लेने की शक्ति और आयु पर निर्भर करता है |
Portfolio बनाने के फ़ायदे ?
हर एक इन्वेस्टर को अपना Portfolio जरूर बनाना चहिए जिससे वो अपने पोर्टफोलियो पर निगरानी रख सकतें है आइए जानते है Portfolio रखने के क्या फायदे है –
- एक संतुलित Portfolio बनाने से आप अपने financial goals को पूरा करने के लिए सही और सटीक कदम उठा सकते है |
- Portfolio के जरिये से आप ये पता लगा सकते है की आपका कौन सा निवेश आपको ज्यादा मुनाफा या नुकसान दे रहा है फिर उसके आधार पर आप अपना उचित Portfolio तैयार या उसमें बदलाव कर सकते है |
- एक Diversified पोर्टफोलियो manage करके आप अपने risk को कम कर सकते है क्योंकि एक समय में निवेश के सभी सेक्टर्स अपने निचले स्तर पर नहीं होते |
- Portfolio बनाने का सबसे बड़ा फायदा यह है की आप अपने किये हुए पूरे निवेश पर निगरानी रख सकते है |
- इससे आप समय समय पर जान सकते है की आपका निवेश आपको कितना लाभ या हानि दे रहा है |
इन्वेस्टमेंट टाइम के हिसाब से Portfolio में बदलाव
इन्वेस्टर को समय समय पर अपने Portfolio(Portfolio kya hai) में बदलाव जरूर करना चाहिए जैसा कि निवेश के शुरुवाती दिनों में इन्वेस्टर अपना Portfolio को अपने Risk के हिसाब से आक्रमक रख सकतें है और जैसे जैसे वह अपने निवेश के लक्ष्यों के नजदीक पहुँचने वाला हो तो अपने Portfolio को आक्रमक की बजाये रक्षात्मक कर सकतें है और अपने निवेश में small cap की बजाये Large cap फण्ड अधिक रख सकतें है | जिससे की उसके Portfolio में risk की मात्रा कम हो जाएगी|
Portfolio के प्रकार क्या क्या है ?
आमतोर पर Portfolio के बहुत से प्रकार हो सकते है, लेकिन यहाँ पर हम सिर्फ कुछ ही प्रकार के Portfolio की बात करेंगे।
Diversified Portfolio
अगर आपने आपके पैसो को बहुत सारे अलग अलग निवेश विकल्पों में लगाया है, तो उसे diversified portfolio कहेंगे। हालाकी ऐसा कुछ निश्चित नहीं है, कितने निवेश विकल्पों पर निवेश करने पर आपके Portfolio को डाइवर्सिफाइड कहेंगे इस लिए आप अपने हिसाब से निवेश विकल्प की संख्या चुन सकते है।
Portfolio को diversify करने का मीनिंग आपके निवेश के जोखिम को कम करना होता है, जिस से आपका पैसा सिर्फ एक ही विकल्प में न रह कर बहुत से अलग अलग विकल्पों में हो जिस से अगर एक दो विकल्प में नुकसान हो तब भी आपका पूरा पैसा न डूबे।
अगर किसी व्यक्ति ने अपना निवेश लायक कुल पैसा जो की 1 करोड़ है, जिसमे से 50 लाख रूपए डाकघर की टाइम डिपाजिट में, 30 लाख रूपए लार्जकैप म्यूच्यूअल और बाकि का हिस्सा अलग अलग शेयर में निवेश किए है, तो उसके पोर्टफ़ोलिओ को diversified portfolio कह सकते है।
Individual Portfolio :
अगर कोई व्यक्ति सिर्फ अपने निवेश का Portfolio बनाता है, तो उसे Individual Portfolio कह सकते है। जैसे हमने ऊपर रमेश, सुरेश और हितेश के Portfolio की बात की वह तीनो के अलग अलग Portfolio थे तो उन सभी को Individual Portfolio कह सकते है।
अगर एक या उस से ज्यादा व्यक्ति ने मिल कर अलग अलग जगह पर निवेश किया हो तो उन दोनों के निवेश का एक सामान्य (Common) Portfolio बन सकता है, जिसे Combined पोर्टफोलियो भी कहा जा सकता है।
जैसे किसी भी म्यूच्यूअल फंड का Portfolio combined Portfolio होता है, क्युकी उसमे एक से ज्यादा व्यक्तिओ के पैसे लगे हुए होते है।
High Risk Portfolio/Aggressive Portfolio
इस के नाम से ही आपको पता चल गया होगा की इस तरह के Portfolio में ज्यादातर निवेश विकल्प बहुत ही जोखिम भरे और लम्बे समय में ज्यादा रिटर्न देने वाले होते है, जैसे अलग अलग कंपनीओ के शेयर।
Moderately Risk Portfolio :
अगर कोई व्यक्ति अपने निवेश लायक पैसो को इस तरह निवेश करता है, की जिस से उसका रिस्क न तो बहुत ज्यादा और न तो बहुत कम होता है, तो ऐसे निवेश के Portfolio को Moderately Risky Portfolio कह सकते है।
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FAQ OF PORTFOLIO
- शिक्षा में पोर्टफोलियो क्या है ?
विद्यार्थियों द्वारा सम्पन्न कार्यों का उद्देश्यपूर्ण व्यवस्थित संकलन जो विद्यार्थी के उत्तम प्रयासों को दर्शाता है, छात्र पोर्टफोलियो कहलाता है। यह एक फाइल, पैकेट और बैग आदि के आकार का हो सकता है। जिसमें छात्रवार, कक्षावार तथा वर्षवार विद्यार्थियों के उत्कृष्ट कार्यों को सुरक्षित रखा जाता है।
2. पोर्टफोलियो कैसे बनाये?
हर गोल के लिए एक नया फंड लेने के बजाय जरूरी है कि आप अपने पोर्टफोलियो को सोच-समझकर बनाएं. म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश से आप ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाएं. हर गोल के लिए एक नया फंड लेने के बजाय जरूरी है कि आप अपने पोर्टफोलियो को सोच-समझकर बनाएं.
3. पोर्टफोलियो के कितने प्रकार होते है ?
- रक्षात्मक पोर्टफोलियो [ Defensive Portfolio ]
- संतुलित पोर्टफोलियो [ Balanced Portfolio ]
- आक्रामक पोर्टफोलियो [ Aggressive Portfolio ]
4. पोर्टफोलियो क्या होता है
वित्त में, पोर्टफोलियो किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा किये गए निवेशों का एक उचित संयोजन या संग्रह होता है।
आपने इस पोस्ट में अब तक Portfolio kya hai (What is portfolio in hindi) ये सब पढ़ चुके है अगर आपको हमारे द्वारा लिखी गई पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप इस पोस्ट को अप अपने दोस्तों और फॅमिली मेम्बर के साथ भी शतरे कर सकते है
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