ईटीएफ के बारे में यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब

  1. ईटीएफ क्‍या है?
    एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ शेयर बाजार में लिस्‍ट और ट्रेड होने वाले फंड हैं. न्यू फंड ऑफर यानी एनएफओ की अवधि के दौरान फंड हाउस से खरीदने के लिए ये उपलब्‍ध होते हैं. एनएफओ के बाद फंड की यूनिटें शेयर बाजार पर लिस्‍ट होती हैं. फिर इन्‍हें वहां से खरीदा और बेचा जा सकता है.

ETF Full Form

etf फुल फॉर्म exchange-traded funds है।

  1. ईटीएफ के कितने प्रकार होते हैं?
    इंडेक्‍स फंडों की तरह ईटीएफ अमूमन किसी खास मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इनका प्रदर्शन उस इंडेक्‍स जैसा होता है. यह इंडेक्स निफ्टी ईटीएफ जैसा शेयर मार्केट इंडेक्‍स हो सकता है या गोल्‍ड ईटीएफ जैसा कमोडिटी इंडेक्स या बॉन्‍ड ईटीएफ के तौर पर बॉन्‍ड मार्केट. एसेट मैनेजमेंट कंपनी ईटीएफ लॉन्‍च करती हैं. इन्‍हें किसी अन्‍य म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम की तरह ही पेश किया जाता है.
  2. ईटीएफ में निवेश के लिए क्‍या शर्त है?
    ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट के साथ ट्रेडिंग अकाउंट का होना जरूरी है. कोई व्यक्ति 3-इन-1 अकाउंट खोलने का भी विकल्प चुन सकता है. इसमें बैंक अकाउंट के साथ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की सुविधा मिलती है. इस तरह आप ज्यादा कुशलता के साथ एक ही जगह अपने निवेश को मैनेज कर पाते हैं. इस अकाउंट को खोलने के लिए एक फॉर्म भरना पड़ता है. साथ ही केवाईसी दस्तावेज भी जमा करने पड़ते हैं.
  3. ईटीएफ में निवेश का क्‍या तरीका है?
    Etf in india कारोबारी घंटो के दौरान ईटीएफ की मनचाही यूनिटें खरीदकर निवेश किया जा सकता है. निवेशक अपने ब्रोकर को निवेश का इंस्‍ट्रक्‍शन दे सकते हैं या ब्रोकर की ओर से उपलब्‍ध कराए जाने वाले ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल कर निवेश कर सकते हैं.
  4. ईटीएफ कैसे काम करते हैं?
    जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं. ठीक वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है. यानी ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है.
  5. ईटीएफ का रिटर्न कैसा होता है?
    ईटीएफ के पोर्टफोलियो में तमाम तरह की प्रतिभूतियां होती हैं. इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है.
  6. ईटीएफ में कैसे होती है खरीद-बिक्री?
    ईटीएफ की पेशकश पहले एनएफओ के रूप में होती है. फिर ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं. एनएफओ किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की नई स्कीम होती है. इसके जरिये कोई म्यूचुअल फंड कंपनी शेयरों, सरकारी बॉन्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने के लिए निवेशकों से पैसे जुटाती है. ट्रेडिंग पोर्टल या स्टॉक ब्रोकर के जरिये शेयर बाजार पर ईटीएफ की खरीद-फरोख्त होती है.

8. कीमतों का कैसे पता लगता है?
ईटीएफ के मूल्य वास्तविक समय में पता चल जाते हैं. यानी लेनदेन के समय ही इनके दामों का भी पता लग जाता है. जबकि म्यूचुअल फंडों के एनएवी के साथ यह नहीं होता है. एनएवी का कैलकुलेशन दिन के अंत में होता है.

किन बातों का रखें ध्‍यान?
– ईटीएफ पैसिव तरीके से मैनेज किए जाने वाले फंड हैं. लिहाजा, इनमें फंड मैनेजमेंट फीस एक्टिव मैनेज्‍ड म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम की तुलना में कम होती है.

दिन में खरीदे गए ईटीएफ के मूल्‍य और दिन के समाप्‍त होने पर ईटीएफ की एनएवी में अंतर हो सकता है. इसका कैलकुलेशन ईटीएफ में शामिल प्रतिभूतियों के बंद भाव के आधार पर होता है.

Leave a Comment

rolex replica watches best rolex replica